Wednesday, December 3

Politics

टाटा ट्रस्ट ने बीजेपी को दिया 757 करोड़, कांग्रेस को 77 करोड़, क्षेत्रीय दलों की फंडिंग में गिरावट
Natioanal, Politics

टाटा ट्रस्ट ने बीजेपी को दिया 757 करोड़, कांग्रेस को 77 करोड़, क्षेत्रीय दलों की फंडिंग में गिरावट

नई दिल्ली: फरवरी 2024 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा इलेक्टोरल बॉन्ड खत्म किए जाने के बावजूद कॉरपोरेट फंडिंग का बड़ा हिस्सा बीजेपी की ओर झुका हुआ है। टाटा समूह के नियंत्रण वाले प्रोग्रेसिव इलेक्टोरल ट्रस्ट (PET) की रिपोर्ट के अनुसार, 2024-25 में 915 करोड़ रुपये के राजनीतिक चंदे में से लगभग 83% रकम बीजेपी को मिली, जबकि कांग्रेस को मात्र 8.4% हिस्सा मिला।बीजेपी को इस अवधि में 757.6 करोड़ रुपये प्रोग्रेसिव इलेक्टोरल ट्रस्ट, 150 करोड़ न्यू डेमोक्रेटिक ट्रस्ट, 30.1 करोड़ हार्मनी ट्रस्ट, 21 करोड़ ट्रॉयम्फ ट्रस्ट, और कुछ अन्य ट्रस्टों से मिले। 2018-19 में भी इसी ट्रस्ट ने लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी को सबसे ज्यादा फंड प्रदान किया था।कांग्रेस और क्षेत्रीय दलों की स्थितिकांग्रेस को 2024-25 में प्रोग्रेसिव ट्रस्ट से 77.3 करोड़, न्यू डेमोक्रेटिक ट्रस्ट से 5 करोड़ और जन कल्याण ट्रस्ट से 9.5 लाख...
नीतीश कुमार पर संशय की परछाईं? ‘85+35+6 = 126’ के सियासी गणित ने बढ़ाई हलचल
Bihar, Politics, State

नीतीश कुमार पर संशय की परछाईं? ‘85+35+6 = 126’ के सियासी गणित ने बढ़ाई हलचल

बिहार की राजनीति में एक बार फिर नई हलचल मची है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सत्ता में हैं, एनडीए गठबंधन मजबूत दिखाई दे रहा है, लेकिन इसके बावजूद राजनीतिक गलियारों में उनकी स्थिरता को लेकर सवाल उठते रहे हैं। वजह साफ है—नीतीश कुमार का वह राजनीतिक इतिहास, जिसमें उन्होंने कई बार पाला बदला और विरोधियों को भी अपने पक्ष में खड़ा कर लिया।नीतीश की स्थिरता पर फिर संशय क्यों?नीतीश कुमार अपने राजनीतिक जीवन में भाजपा के साथ भी रहे, आरजेडी को भी अपनाया और फिर छोड़ भी दिया। कई बार उन्होंने वादे किए कि वे अब पाला नहीं बदलेंगे, पर इतिहास में कुछ बार इसका उल्टा भी हुआ। इसलिए उनकी ‘पिछली गलती न दोहराने’ वाली घोषणाओं पर भी संशय बना रहता है।नया राजनीतिक गणित: 85+35+6 = 126राजनीतिक विश्लेषकों ने हाल के आंकड़ों के आधार पर दो नए खेमों की संभावना पर चर्चा छेड़ दी है—85 + 35 + 6 = 126 का संभावित नय...
गुजरात में सियासी संग्राम तेज: कांग्रेस की ‘जन आक्रोश यात्रा’, बीजेपी का ‘यूनिटी मार्च’ और AAP का ‘गुजरात जोड़ो’ 2026 के निकाय चुनावों से पहले तीनों दलों की ताकत प्रदर्शन की होड़
Gujarat, Politics, State

गुजरात में सियासी संग्राम तेज: कांग्रेस की ‘जन आक्रोश यात्रा’, बीजेपी का ‘यूनिटी मार्च’ और AAP का ‘गुजरात जोड़ो’ 2026 के निकाय चुनावों से पहले तीनों दलों की ताकत प्रदर्शन की होड़

गुजरात इन दिनों तीन राजनीतिक यात्राओं के कारण देशभर की सुर्खियों में है। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा गुजरात में शराब व ड्रग की बिक्री पर बीजेपी को घेरने के बाद राजनीतिक तापमान और बढ़ गया है। एक तरफ कांग्रेस अपनी ‘जन आक्रोश यात्रा’ को ऐतिहासिक बता रही है, वहीं बीजेपी सरदार पटेल की 150वीं जयंती पर ‘यूनिटी मार्च’ के जरिए शक्ति प्रदर्शन में जुटी है। उधर तीसरे मोर्चे के तौर पर उभरी आम आदमी पार्टी (आप) ‘गुजरात जोड़ो’ अभियान के जरिए अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रही है।कांग्रेस की ‘जन आक्रोश यात्रा’ को व्यापक समर्थन का दावाकांग्रेस की यात्रा 21 नवंबर से शुरू हुई थी और 3 दिसंबर को समाप्त हो गई। पार्टी ने इसे अभूतपूर्व समर्थन मिलने का दावा किया है। इस यात्रा का नेतृत्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अमित चावड़ा कर रहे थे।राहुल गांधी ने संसद में गुजरात में शराब-ड्रग बिक्री का मु...
बॉम्बे हाईकोर्ट की नई बिल्डिंग का डिजाइन अलोकतांत्रिक! पूर्व CJI गवई के बाद अब पूर्व जस्टिस गौतम पटेल ने भी उठाए गंभीर सवाल
Maharashtra, Politics, State

बॉम्बे हाईकोर्ट की नई बिल्डिंग का डिजाइन अलोकतांत्रिक! पूर्व CJI गवई के बाद अब पूर्व जस्टिस गौतम पटेल ने भी उठाए गंभीर सवाल

बॉम्बे हाईकोर्ट की नई बिल्डिंग को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। बीकेसी में बनने वाले इस नए हाईकोर्ट कॉम्पलेक्स के शिलान्यास के वक्त तत्कालीन सीजेआई बीआर गवई ने कड़े शब्दों में कहा था— “न्याय का मंदिर बनाएं, 7-स्टार होटल नहीं”। अब उनके बाद पूर्व जस्टिस गौतम पटेल ने भी इस डिजाइन को अलोकतांत्रिक और कॉलोनियल मानसिकता का प्रतीक करार दिया है।डिजाइन पर पूर्व जज गौतम पटेल की कड़ी आपत्तिमुंबई आर्किटेक्ट्स कलेक्टिव की एक विशेष प्रदर्शनी में हिस्सा लेते हुए पूर्व जस्टिस पटेल ने कहा कि हाईकोर्ट की नई बिल्डिंग का डिजाइन आधुनिक न्यायिक मानकों के बिल्कुल विपरीत है। उन्होंने इसे वकीलों और मुकदमे लड़ने वालों के लिए “अनफ्रेंडली” बताया।जस्टिस पटेल के अनुसार —नई बिल्डिंग का मॉडल लोकतांत्रिक मूल्यों से हटकर जजों को ‘ऊंचा’ और आम जनता को ‘नीचा’ दिखाता है।केस लड़ने वालों के लिए पर्याप्त...
इडली-सांभर से भी नहीं पिघली बर्फ! 8 दिसंबर को दिल्ली जाएंगे सिद्धारमैया–डीके शिवकुमार, ‘मतभेद खत्म’ का नया संदेश
Karnataka, Politics, State

इडली-सांभर से भी नहीं पिघली बर्फ! 8 दिसंबर को दिल्ली जाएंगे सिद्धारमैया–डीके शिवकुमार, ‘मतभेद खत्म’ का नया संदेश

बेंगलुरु। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के बीच चल रही खींचतान को खत्म करने की कोशिशें जारी हैं। इसी क्रम में दोनों नेता मंगलवार सुबह बेंगलुरु में नाश्ते पर मिले। नाश्ते में इडली-सांभर और नाटी चिकन जैसे पारंपरिक व्यंजन परोसे गए, लेकिन राजनीतिक तकरार की बर्फ पूरी तरह पिघली या नहीं—यह सवाल अब भी कायम है।हालाँकि मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने शिवकुमार को अपना “भाई” बताते हुए कहा कि दोनों के बीच किसी भी प्रकार का मतभेद नहीं है।8 दिसंबर को दोनों नेताओं की दिल्ली यात्रा तय?सिद्धारमैया ने स्पष्ट किया कि पार्टी विधायकों के बीच असहमति जैसी कोई स्थिति नहीं है, सभी केवल अपनी राय रखते हैं। दोनों नेताओं की यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब कांग्रेस के कई विधायक सार्वजनिक रूप से कभी सिद्धारमैया तो कभी शिवकुमार का समर्थन करते दिखे थे।सूत्रों के अनु...
Bihar, Politics, State
बिहार कांग्रेस में उथल-पुथल तेज़, समीक्षा बैठक से गैरहाज़िर 15 जिलाध्यक्षों को नोटिस जारीपटना। बिहार कांग्रेस में आंतरिक कलह थमने का नाम नहीं ले रही है। पार्टी की राज्य इकाई ने अनुशासनहीनता के मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए उन 15 जिलाध्यक्षों को कारण बताओ नोटिस भेजा है, जो 1 दिसंबर को प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम द्वारा बुलाई गई समीक्षा बैठक में शामिल नहीं हुए थे। इस बैठक में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरु भी उपस्थित थे।कांग्रेस कार्यालय सचिव नलिन कुमार द्वारा जारी पत्र में सभी जिलाध्यक्षों से पूछा गया है कि वे बैठक से अनुपस्थित क्यों रहे और उनके पास इसके लिए क्या उचित कारण हैं।चुनाव हार के बाद लगातार अनुशासनात्मक कार्रवाई18 नवंबर को भी कांग्रेस ने कड़े कदम उठाते हुए विधानसभा चुनावों के दौरान पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल पाए गए नेताओं के खिलाफ ...
कांग्रेस का पलटवार: ‘यह सिर्फ कॉस्मेटिक ऑडिट’
Politics, State, Uttar Pradesh

कांग्रेस का पलटवार: ‘यह सिर्फ कॉस्मेटिक ऑडिट’

मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सरकार की समीक्षा प्रक्रिया पर सीधा सवाल उठाते हुए इसे दिखावटी करार दिया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को सबसे पहले अपने ही विभाग—गृह विभाग—की समीक्षा करनी चाहिए।पटवारी ने केंद्रीय गृह मंत्रालय की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावा किया कि एमपी गृह विभाग देश के सबसे ‘अक्षम विभागों’ में शामिल है। उन्होंने मुख्यमंत्री से पूछा कि सबसे पहले उनके विभाग की विफलताओं पर जवाब क्यों नहीं दिया जा रहा।भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के गंभीर आरोपपटवारी ने प्रेस वार्ता में आरोपों की लंबी सूची पेश की—नकली बीजों के मामले में ईओडब्ल्यू जांच,परमिट के दुरुपयोग की शिकायतें,बीमा कंपनियों के साथ कथित मिलीभगत,कैग रिपोर्ट में गंभीर टिप्पणियों के बावजूद कार्रवाई न होना,स्कूलों से 50 लाख बच्चों के गायब होने का दावा।उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सर...
CM मोहन सरकार की दो साल की समीक्षा पर सियासत गरमाई जीतू पटवारी का तीखा हमला—‘ये 40% कमीशन वाली सरकार, CM अलीबाबा और मंत्री चालीस चोर’
Madhya Pradesh, Politics, State

CM मोहन सरकार की दो साल की समीक्षा पर सियासत गरमाई जीतू पटवारी का तीखा हमला—‘ये 40% कमीशन वाली सरकार, CM अलीबाबा और मंत्री चालीस चोर’

मध्य प्रदेश की मोहन सरकार 13 दिसंबर को अपने दो साल पूरे करने जा रही है। इस मौके पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंगलवार से ही मंत्रियों के विभागीय कामकाज की विस्तृत समीक्षा बैठकों की शुरुआत कर दी है। सभी मंत्रियों को अपने विभागों का दो साल का रिपोर्ट कार्ड और आने वाले तीन वर्षों की कार्य योजना प्रस्तुत करनी है। सरकार ने अपनी उपलब्धियों और सुधारों के कुछ हिस्से मीडिया में साझा किए हैं, लेकिन इसी बीच कांग्रेस ने इसे लेकर बड़ा राजनीतिक हमला बोला है।कांग्रेस का पलटवार: ‘यह सिर्फ कॉस्मेटिक ऑडिट’मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सरकार की समीक्षा प्रक्रिया पर सीधा सवाल उठाते हुए इसे दिखावटी करार दिया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को सबसे पहले अपने ही विभाग—गृह विभाग—की समीक्षा करनी चाहिए।पटवारी ने केंद्रीय गृह मंत्रालय की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावा किया कि एमपी गृह विभ...
पंजाब में अकाली दल-बीजेपी गठबंधन जरूरी, कैप्टन अमरिंदर ने यूं ही नहीं फेंका ठहरे पानी में पत्थर
Politics, Punjab & Hariyana, State

पंजाब में अकाली दल-बीजेपी गठबंधन जरूरी, कैप्टन अमरिंदर ने यूं ही नहीं फेंका ठहरे पानी में पत्थर

चंडीगढ़: पंजाब में 14 महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बीजेपी और अकाली दल के बीच गठबंधन को जरूरी बताया है। उनके इस बयान ने राजनीतिक हलचल मचा दी है। हालांकि बीजेपी ने किनारा कर लिया है, लेकिन यह राज्य की रणनीति के हिसाब से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। वहीं, अकाली दल ने नरम रुख दिखाकर गठबंधन की संभावनाओं को बढ़ा दिया है।कैप्टन का बीजेपी के लिए फॉर्मूलाकैप्टन अमरिंदर सिंह, जिन्होंने 2022 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थामा था, ने एक पॉडकास्ट में कहा कि यदि बीजेपी पंजाब में जनाधार बढ़ाना चाहती है, तो उसे अकेले सभी 117 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ना होगा। उन्होंने गठबंधन को रणनीतिक भूल बताया और कहा कि अकाली दल के साथ लंबे समय तक गठबंधन के कारण बीजेपी केवल कुछ ही सीटें जीत पाई।अश्विनी शर्मा ने बयान को बताया व्यक्तिगत रायबीजेपी प...
पश्चिम बंगाल: 2208 बूथों पर शून्य ‘अनकलेक्टिबल’ फॉर्म, चुनाव आयोग ने ली सख्त कार्रवाई
Politics, State, West Bengal

पश्चिम बंगाल: 2208 बूथों पर शून्य ‘अनकलेक्टिबल’ फॉर्म, चुनाव आयोग ने ली सख्त कार्रवाई

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में एसआईआर (सर्वे ऑफ इलेक्टर्स रिविजन) को लेकर गंभीर स्थिति सामने आई है। राज्य के 2,208 मतदान केंद्रों पर शून्य ‘अनकलेक्टिबल’ एन्यूमरेशन फॉर्म पाए गए हैं। इन बूथों पर न तो कोई मतदाता मृत, न ही स्थानांतरित, न अनुपस्थित और न ही डुप्लीकेट पाया गया। यह स्थिति चुनाव आयोग के लिए चिंता का विषय बनी हुई है।मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनोज अग्रवाल ने राज्य के 24 में से 22 जिलों के जिला निर्वाचन अधिकारियों को 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है। सबसे अधिक मामले दक्षिण 24 परगना जिले से सामने आए हैं, जबकि मालदा, मुर्शिदाबाद और नदिया जिले भी इस मामले में शामिल हैं।अनकलेक्टिबल फॉर्मों की विस्तृत स्थिति:542 बूथों पर 1 फॉर्म432 बूथों पर 2 फॉर्म372 बूथों पर 3 फॉर्म481 बूथों पर 5 फॉर्म548 बूथों पर 6 फॉर्म585 बूथों पर 7 फॉर्म678 बूथों पर 8 फॉर्म...