पत्नी की हालत देख सभी की आंख नमइस दरमियान उनकी बुजुर्ग मां और बेसुध पत्नी उनके शव से लिपटी विलाप करती रही. देखने वालों के आंखें नम थीं. इस बात का गर्व भी था कि नक्सलियों से लोहा लेते हुए उनका बेटा शहीद हुआ है. सीआरपीएफ के कोबरा कमांड विंग में तैनात राजकुमार यादव को सीआरपीएफ के अधिकारी सिविल पुलिस के अधिकारी तथा जिलाधिकारी अयोध्या समेत अयोध्या जिले के जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहे. हर किसी ने अपने लाल को नम आंखों से विदाई दी.सुबह 8 बजे निकली अंतिम यात्रा में उमड़ा हुजूम
सुबह 8 बजे शहीद की अंतिम यात्रा उनके आवास से निकली जिसकी अगवानी जिलाधिकारी, अयोध्या, एसएसपी, डीआईजी सीआरपीएफ और विधायक अयोध्या वेद प्रकाश गुप्ता, महापौर ऋषिकेश उपाध्याय और हजारों की संख्या में युवाओं ने की. शहीद जवान के पार्थिव शरीर के साथ अंतिम यात्रा पर निकले युवाओं ने बलिदान देने वाले शहीदों राजकुमार के लिए गगनचुंबी उद्घोष लगाया शहर की प्रमुख सड़कों से होती हुई अंतिम यात्रा श्मशान घाट पर पहुंची. जहां पर उनको राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई.
इस शहादत का बदला लिया जाएगा: सीआरपीएफ कमांडेंट
शहीद राजकुमार के छोटे भाई रामविलास ने अंतिम संस्कार किया. सीआरपीएफ के कमांडेंट छोटे लाल ने कहा कि बिहार-झारखंड-उड़ीसा-आंध्र नक्सलवादियों से ज्यादा इफेक्टिव क्षेत्र हैं. यह सरकार की नीतियों की देन है कि नक्सलवाद इन क्षेत्रों में समाप्त होकर अब केवल छत्तीसगढ़ में ही रह गया है. दोनों तरफ से जवाबी हमला होता है. नुकसान भी होता है. जल्द ही इस शहादत का बदला लिया जाएगा. नक्सलियों को खत्म करने का प्रयास लगातार जारी है. सरकार का प्रयास नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाकर नक्सलियों को खत्म करना है.
सीआरपीएफ के डीआईजी एसपी सिंह ने कहा कि शहीद के सम्मान से मनोबल बढ़ता है. शहीद जवान राजकुमार यादव के अंतिम यात्रा में अयोध्या उमड़ पड़ी. हमारी प्राथमिकता रही कि दिवंगत के परिवार का सपोर्ट कर सकें. घटना जांच का विषय है और उस पर टिप्पणी करना भी उचित नहीं है. वही डीआईजी एसपी सिंह ने कहा कि सीआरपी कभी बदले की भावना में काम नहीं करती हमारी प्राथमिकता है कि देश में शांति और स्थिरता बनी रहे. हमें आत्मरक्षा में ही गोली चलानी पड़ती है. नक्सलियों को सफाई के लिए काम किया जा रहा है. डीआईजी ने कहा कि हम घटनाओं से अपनी सीख लेते हैं और अपनी रणनीति में बदलाव करते हैं. कुछ यही प्रक्रिया नक्सली भी करते हैं, यहां सतत प्रक्रिया है.
परिजनों ने की बदले की मांग, ताकि और कोई न हो शहीद
घटना से आक्रोशित परिजन बदले की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि चुन-चुन के नक्सलियों को मारा जाए. देश से खात्मा किया जाए, जिससे कि आगे किसी और की शहादत ना हो. कुछ ऐसा ही मानना शहीद जवान राजकुमार के बड़े बेटे का भी है उनका भी कहना है कि पहले घर के लोगों से लड़ लिया जाए तो सरहदों पर देश विरोधी लोगों से लड़ा जाएगा जब हम घर में ही नहीं सुरक्षित हैं सब बाहर के लोगों से क्या लड़ेंगे?
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