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इटावा की जिला पंचायत सीट पर साल 1987 से समाजवादी पार्टी कब्जा बरकरार है. सपा के प्रमुख राष्ट्रीय महासचिव एवं राज्यसभा सदस्य प्रो. रामगोपाल यादव, प्रसपा राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव तथा पूर्व सांसद राम सिंह शाक्य जिला परिषद अध्यक्ष के रूप में इस पद पर काबिज रहे. 1995 में पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित की गई तो विधायक महेंद्र सिंह राजपूत अध्यक्ष बने. वर्ष 2000 में एससी वर्ग के लिए आरक्षित होने पर पूर्व सांसद प्रेमदास कठेरिया को मौका मिला.
यादव कुनबे की लगातार रही है पकड़वर्ष 2005 में पिछड़ा वर्ग महिला के आरक्षित होने पर सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के भाई राजपाल सिंह की पत्नी प्रेमलता यादव अध्यक्ष बनीं. उनका कार्यकाल उस समय यादगार बन गया, जब वर्ष 2010 में यह पद सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित होने पर तथा प्रदेश में बसपा सरकार होने के बावजूद वे दूसरी बार अध्यक्ष बनीं. इसके बाद वर्ष 2015 में यह पद फिर से सामान्य रखा गया. तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के चचेरे भाई अभिषेक यादव इस पद पर आसीन हुए. अब इस सीट को पंचायत चुनाव में पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित किया गया है. इससे सपा समर्थकों में उत्साह बढ़ गया है.
प्रेमदास कठेरिया भी जीत चुके
24 जिला पंचायत सदस्य में ज्यादा से ज्यादा सपा के सदस्य निर्वाचित हों, इसके लिए अभिषेक यादव बीते दो सालों से इटावा में कड़ी कवायद कर रहे हैं. इसी जिला पंचायत सीट के बहाने मुलायम परिवार के प्रो.रामगोपाल यादव, शिवपाल सिंह यादव आज राजनीति के शिखर पर स्थापित हुए हैं. वैसे अगर बात करें मुलायम परिवार के इतर तो प्रेमदास कठेरिया भी इसी जिला पंचायत सीट के जरिये सांसद पद तक काबिज हो चुके हैं.
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