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आकड़ों की बात करें तो बिहार में झारखंड, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और नेपाल से शराब की बड़ी खेप तस्करी कर लाई जाती है. पुलिस और मद्य निषेध विभाग की टीम हर घंटे औसतन 1341 लीटर शराब जब्त कर रही है. जबकि मिनट के हिसाब से आंकड़ा 22 लीटर आता है. आंकड़े बताते हैं कि बिहार में वर्ष 2021 में एक महीने में करीब 12 लाख लीटर से अधिक अवैध देशी और विदेशी शराब पकड़ी जा चुकी है. जबकि वर्ष अप्रैल 2016 से अभी तक कुल छापेमारी में पकड़ी गई विदेशी शराब (3489431.16 लीटर) और देशी शराब (1659440.32 लीटर ) है. यही नहीं, अप्रैल 2016 से अभी तक 7999 वाहन जब्त किए गए हैं.

जेडीयू नेता और बंगाल प्रभारी गुलाम रसूल बलियावी ने बंगाल सरकार पर मदद न करने का आरोप लगाया है.
24 घंटे निगरानी के बाद भी..
हरियाणा, बंगाल, यूपी और झारखंड में संगठित अवैध शराब के कारोबारी बिहार में शराब का अवैध धंधा फैला रहे हैं. हालांकि धंधेबाजों को पकड़ने के लिए शराब के पुराने और बड़े 87 डीलरों को रडार पर रखा गया है. जबकि शराब की आवक पर नजर रखने के लिए चेकपोस्ट की लाइव स्ट्रीमिंग की जा रही है. विभागीय अधिकारी मुख्यालय स्थित कंट्रोल रूम से ही 24 घंटे निगरानी हो रही है. हालांकि भारी मात्रा में शराब की बरामदगी से साबित होता है कि शराब व्यापारियों के सिंडिकेट को सरकार नहीं तोड़ पा रही है.
पिछले कुछ दिनों में हरियाणा में अवैध शराब के कारोबारियों पर बिहार पुलिस ने शिकंजा कसने पर थोड़ी कामयाबी जरूर हासिल की है और दो बड़े अवैध शराब के कारोबारी को गिरफ्तार कर पटना भी लाया गया है, लेकिन हरियाणा के बाद पड़ोसी राज्य बंगाल में पुलिस को अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है. पुलिस मुख्यालय के सूत्र यह भी बताते हैं कि हरियाणा के बाद बंगाल से और अरुणाचल प्रदेश से सबसे ज्यादा अवैध शराब बिहार आ रही है. जबकि जेडीयू के आरोपों के बाद सियासत तेज हो गयी है. इसको लेकर आरजेडी ने कहा कि नीतीश सरकार अपना काम नहीं कर पा रही है, इसलिए आरोप बंगाल की सरकार पर लगा रही है. वैसे बिहार में शराबबंदी को सफल करने के लिए नीतीश कुमार ने बड़ा फैसला लेते हुए बिहार पुलिस के रिटायर्ड डीजी सुनील कुमार को बड़ी जिमेदारी देते हुए मद्ध निषेध विभाग का मंत्री बनाया है. देखना होगा सरकार इस बार कितना सफल होगी.
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