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आरोपी दिल्ली से मंगाते हैं
आरोपियों से पूछताछ में बड़ा खुलासा हुआ है। पुलिस ने बताया- दिल्ली से सामान लाकर मेरठ में अवैध तरीके से फर्जी हाईसिक्योरिटी नंबर प्लेट बनाई जा रही थी। वास्तविक-पूर्ण प्लेट में सिर्फ एक बार कोड का अंतर था। बार कोड न होने से नकली नंबर प्लेट स्कैन नहीं हो पाती। वह सिर्फ देखने भर के लिए हाईसिक्योरिटी प्लेट था। गिरफ्तार तनुज ने बताया कि वह दिल्ली से खाली प्लेट खरीदता था। खाली प्लेट पर डाई लगाई जाती थी। हाईड्रोलिक मशीन से प्लेट दबाई जाती थी। इस तरह डाई के नंबर उस प्लेट पर छप जाते थे। हर नंबर के ऊपर भारत लिखा होता है। भारत छपे रैपर भी दिल्ली से आते थे। उन्हें पेस्टिंग मशीन के जरिए नंबरों के ऊपर चिपकाया जाता था।होलोग्राम भी फैर और पूरे शहर में उपली
पुलिस ने बताया कि हाईसिक्योरिटी नंबर प्लेट का होलोग्राम भी नकली था। होलोग्राम के नीचे भारत और उसके नीचे बेहद सूक्ष्म बारकोड छपा होता है। इस झूठी प्लेट में सिर्फ बारकोड नहीं था, बाकी सबकुछ दिखने में असली जैसा था। बारकोड के बारे में ज्यादातर ग्राहकों को पता नहीं होता है। आरोपी ने पूछताछ में पूरे शहर में फर्जी हाईसिक्योरिटी नंबर प्लेट सप्लाई करने की बात कुबूली है। वह एसेसरीज और नंबर प्लेट बनाने वाले दुकानदारों को महज 300 रुपये में यह प्लेट मुहैया कराने वाली थी। दुकानदार उसे 500-600 रुपये में बेच देते थे। लोगों को ऑफ़लाइन बुकिंग नहीं करानी पड़ती थी। इसलिए वह अकालों के झांसे में आ रहे थे।
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