93 बलिदान दिवस पर अमर शहीद राजेंद्र लाहिड़ी को जनपद वासियों ने किया नमन
93वें बलिदान दिवस पर याद किए गए अमर शहीद राजेन्द्र नाथ लाहिड़ी जी
पिछली बार के कार्यक्रम से प्रशासन ने इस बार सबक लिया और कार्यक्रम को अच्छी तरह करने का किया प्रयास
लाहिड़ी जी के 93वें बलिदान दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रमों में शामिल हुए उनके परिजन
‘‘शहीदों की चिताओं पर लगेगें हर बरस मेले, वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशां होगा’’ के संकल्प के साथ स्वतंत्रता संग्राम के अमर नायक शहीद राजेन्द्र नाथ लाहिड़ी जी के 93वें बलिदान दिवस के अवसर पर जिला कारागार में आर्य समाज द्वारा वैदिक मंत्रों के साथ हवन-पूजन एवं शांति पाठ सम्पन्न कराया गया। लाहिड़ी जी के बलिदान दिवस पर अमर शहीद को बंगाल से आए उनके परिजनों के साथ ही जनपद के जिला जज, जिलाधिकारी, एसपी व अन्य मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी सहित अधिकारियों व प्रशासनिक अधिकारियों, गणमान्य नागरिकों, अधिवक्ताओं तथा समाजसेवियों द्वारा श्रृद्धासुमन अर्पित किए गए। जिला कारागार में हवन-पूजन करने के उपरान्त जिला जज, डीएम, एसपी, सीजेएम सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने जेल परिसर में लाहिड़ी जी के बलिदान स्थल पर स्थापित प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उनकी शहादत को याद किया।
अमर शहीद लाहिड़ी जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण के उपरान्त लाहिड़ी जी को सलामी दी गई और राष्ट्रगान की धुन बजाई गई। श्रद्धान्जलि सभा एवं सलामी के उपरान्त आयोजित समारोह में सर्वधर्म समभाव के तहत सभी धर्मों के धर्म गुरूओं द्वारा शांति पाठ पढ़े। इस अवसर पर लाहिड़ी जी के जीवन एवं बलिदान पर प्रकाश डालते हुए जिला जज प्रदीप गुप्ता ने अमर शहीद लाहिड़ी जी के अन्तिम वाक्य ‘‘मैं मरने नहीं जा रहा, अपितु आजाद भारत में पुनर्जन्म लेने जा रहा हूं’’ दोेहराते हुए कहा कि लाहिड़ी जी का जीवन राष्ट्र प्रेम का एक जीवन्त उदाहरण है। हम सबको उनसे प्रेरणा लेते हुए देश हित के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करना चाहिए, यही लाहिड़ी जी के लिए सच्ची श्रृद्धान्जलि होगी। जिलाधिकारी डा0 नितिन बंसल ने कहा कि लाहिड़ी जी जैसे व्यक्तित्व और सच्चे राष्ट्र भक्तों के बलिदानों के कारण ही हम सब भारतीय आज आजाद भारत में सांस ले पा रहे हैं। उन्होने लोगों का आहवान करते हुए कहा कि इस अवसर पर हम सबको निःस्वार्थ भाव से राष्ट्र सेवा का संकल्प लेना चाहिए और आजादी के दीवानों के सपनों का भारत बनाने में अपना योगदान करना चाहिए। पुलिस अधीक्षक आर0के0 नैयर ने कहा कि लाहिड़ी जी का बलिदान भारत के युवाओं के लिए सबसे बड़ा उदाहरण है। उन्होंने कहा कि देश को गुलामी की दास्तां से मुक्ति दिलाने के लिए 26 वर्ष की उम्र में अपने देश के लिए फांसी के फन्दे को हंसते हुए चूमने वाले अमर शहीद लाहिड़ी जी का सम्पूर्ण जीवन प्रेरणा से भरा हुआ है। आज के भौतिकवादी युग में देश के विकास में युवाओं की भागीदारी होना आवश्यक है और इसकी प्रेरणा के लिए लाहिड़ी जी का जीवन दर्शन सबसे बड़ा उदाहरण है। सीजेएम हरीराम ने कहा कि अमर शहीदों का बलिदान आज प्रासंगिक हो गया है। उनकी कुर्बानी से हम सबको प्रेरणा लेकर देशहित सर्वोंपरि रखकर काम करने की आवश्यकता आज के दौर में बन गई है। इस अवसर पर स्वयं सेवी संस्थाओं तथा विद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा लाहिड़ी जी के जीवन से जुड़े विभिन्न संास्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। जीजीआईसी छात्राओं द्वारा देशभक्ति के गीत प्रस्तुत किए गये। इस अवसर पर जिला जज, सीजेएम, डीएम तथा एसपी द्वारा लाहिड़ी उद्यान परिसर में पौधरोपण भी किया गया। इसके उपरान्त सभी अधिकारियों ने फांसी स्थल को भी देेखा, जहां पर लाहिड़ी जी को फंासी दी गई थी।
कार्यक्रम के दौरान मुख्य राजस्व अधिकारी आर0आर0 प्रजापति, एएसपी महेन्द्र कुमार, सिटी मजिस्ट्रेट राकेश सिंह, जेल अधीक्षक शशिकान्त सिंह, एसडीएम सदर वीर बहादुर यादव, वरिष्ठ अधिवक्ता के0के0 श्रीवास्तव व बसन्त शुक्ला, डा0 उमा सिंह, समाज सेवी धरमवीर आर्य, माधवराज सिंह, रेखा श्रीवास्तव सहित अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।